रामपुर बुशहर निशांत शर्मा
रामपुर में कार्यरत डा0 अनिल शर्मा रेविज की रोकथाम पर महाराष्ट्र के नागपूर में आयोजित होने बाली राष्ट्रीय स्तर की वर्कशॉप मै अपना शोध पत्र पढऩे जा रहे है। जो यहां पर हिमाचल का प्रतिनिधित्व करेंगे। जिन्होंने रेबीज के उपर अपना शोध किया है। डॉ अनिल शर्मा कहना है कि अगर रेबीज की बिमारी को समाप्त करना है तो पहले रेबीज के लक्षणों को रोकना होगा।
उन्होने कहा की जो कुत्ता रेबीज को फैला रहा है उसे इंजेक्शन लगने चाहिए। ताकि वह आगे रेबीज को न फैलाए। इसके लिए सरकार की तरफ से गाईडलाईन है कि जिसे भी उक्त कुत्ता काटता है तो उसे तय इंजेक्शन लगने चाहिए। लेकिन जो कुत्ता खुद रेबीज फैला रहा है या फिर वह किसी अन्य पशु को काटता है तो उसे इंजेक्शन लगाने की प्रक्रिया नहीं है। इसी पर शोध आधारित है।
डा0 अनिल शर्मा का कहना है कि उन्होंने ऐसे कुत्तो को रेबीज के इजेंक्शन लगाए है जो रेबीज से पीडि़त थे। इंजेक्शन लगाने के बाद उनके टेस्ट लैब मै सार्थक पाए गए। उन्होंने कहा कि उनका शोध पूरी तरह से रेबीज बिमारी को रोकने पर केंद्रित है। उन्होंने बताया की नागपूर में राष्ट्रीय स्तर की वर्कशॉप केवल मात्र रेबीज को कंट्रोल करने व उनकी रोकथाम पर केंद्रित है। इस वर्कशॉप में जहां डब्लयुएचओ एसईएआरओ सहित मिनिस्ट्री आफॅ ऐनिमल हैल्थ एंड वेटनरी सर्विस सहित अधिकारी मौजूद रहेंगे। जो इन शोध को सुनेंगे और उन्हें अगर ये शोध सार्थक लगता है तो निश्चित तौर से ये रेबीज की रोकथाम के लिए मील का पत्थर साबित होगा। पशुपालन विभाग से जुड़े डाक्टरों व अन्य अधिकारियों ने डा0 अनिल शर्मा को नागपुर मै शोध पर पड़ने क़े मौके क़े लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा है कि वह इस वर्कशॉप में पूरे तथ्यों के साथ अपने शोध को रखें। जिससे पूरे देश में हिमाचल का नाम रोशन हो सके।
फोटो : डॉ अनिल शर्मा