आज दिनांक 13 जून2022 को नगरपरिषद रामपुर ठेका मजदूर यूनियन सम्बंधित सीटू ने समय पर वेतन न मिलने व पिछले वितीय वर्ष में न्यूनतम वेतन से कम दिए वेतन का एरियर भुगतान न करने व श्रम कानूनों को लागू करने की मांग को लेकर आज नगरपरिषद कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए सीटू जिला अध्यक्ष कलदीप सिंग, रणजीत ठाकुर, यूनियन अध्यक्ष देवेंद्र व ललिता,मंजू ने कहा कि रामपुर नगरपरिषद के अंदर कार्य कर रहे मजदूरों पर किसी भी श्रम कानून को लागू न करके मजदूरों का खुला शोषण किया जा रहा है मजदूरों को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित 1 अप्रैल 2021 से 31 मार्च 2022 तक न्यूनतम वेतन 300 रुपये के बजाय 275 रुपये के हिसाब से वेतन दिया गया उसका एरियर का भुगतान ठेकेदार व नगरपरिषद द्वारा अभी तक नहीं किया गया ।नगरपरिषद के अंदर कार्य कर रहे सभी ठेका मजदूरों को पिछले लंबे समय से कानून अनुसार हर महीने की 7 तारीख़ से पहले वेतन मिलना चाहिए पर कभी भी समय पर वेतन नहीं मिल रहा है अप्रेल माह का वेतन तो मई माह के अंत में ही मिला और 1 मजदूर को तो पिछले 4 महीने का वेतन साजिश के तहत नही दिया जा रहा है जिसके विषय में बार बार लिखित व मौखिक रुप से नगरपरिषद प्रबंधन, ठेकेदार व श्रम विभाग को इस विषय में अवगत करवाया। जिसके कारण इन ठेका मजदूरों को इस महँगाई के दौर में कई प्रकार की आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
रामपुर नगरपरिषद के अंदर काम कर रहे ठेका मजदूरों पर किसी भी श्रम कानूनों को लागू नहीं किया जा रहा है मजदूरों को श्रम विभाग द्वारा सत्यापित आई कार्ड अभी तक नहीं दिए गए हैं , मजदूरों की सेफ्टी का कोई ख्याल रखा जा रहा है मजदूरों को सेफ्टी के नाम पर ग्लव्स, मास्क कुछ नहीं दिया जा रहा है और न ही श्रम कानून के अनुसार हर माह की 7 तारिख से से पहले वेतन मिलना चाहिए जो नहीं मिल रहा है मजदूरों को वेतन से पूर्व वेतन स्लिप तक नहीं दी जा रही है, मजदूरों को रविवार की छुट्टी के अलावा आकस्मिक, मेडिकल, राष्ट्रीय व त्यौहार सहित कोई भी छुट्टी नहीं दी जा रही है, छुटी जाने पर मजदूरों की 2 दिन की एब्सेंट लगाई जा रही है, वेतन की मांग करने पर नोकरी से निकालने की धमकी ठेकेदार व नगरपरिषद के प्रबंधन के द्वारा दिया जा रहा है। मजदूरों के epf का कोई रिकॉर्ड तक नहीं रखा गया है । मजदूरों की खुली लूट की जा रही है जिसे यूनियन बर्दाश्त नहीं करेगी। यहाँ तक कि मजदूरों का ठेकेदार व नगरपरिषद प्रबंधन के द्वारा 2018 से 2022 तक के epf का कोई रिकॉर्ड तक मजदूरों को नहीं दिया गया है और कई मजदूरों का तो epf तो मजदूरों से काटा गया है पर उसे जमा नहीं किया गया है नगरपरिषद के अंदर सफाई मजदूरों की खुली लूट नगरपरिषद प्रबंधन व ठेकेदारों की मिलीभगत से की जा रही है।
आज महँगाई लगातार बढ़ रही है खाने की मूलभूत बस्तुओं के दाम तेल, दाल, आटा, चावल, सब्जियों के दाम, प्याज व टमाटर , कमरे का किराया, बिजली , बस किराया व रसोई गैस की कीमतों में जिस हिसाब से बढ़ोतरी हो रही है ऐसी स्थिति में अप्रैल महीने से वेतन न मिलना मजदूरों को कई प्रकार की आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है वैसे भी इस महँगाई के दौर में मजदूरों का न्यूनतम वेतन बहुत कम है गरीब मजदूरों को समय से वेतन न मिले ऐसे में परिवार का पालन पोषण करना कितना मुश्किल होता है ऐसे स्थिति में मजदूरों को अपने अधिकारों के लिए आज सड़क पर आने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाता है। इस धरने के माध्यम से वक्ताओं ने कहा कि यदि हर महीने की 7 तारीख से पहले वेतन का भुगतान व1 साल में न्यूनतम वेतन से कम दिए वेतन का एरियर का भुगतान नहीं किया तो यूनियन आंदोलन को तेज करेगी और कूड़े उठाने का काम भी बंद किया जाएगा।
इस धरने में सतीश,अनूप, मोती राम,राजू राणा, नीलम,सीता, संतोष, नील चंद, तारामणि , रजनी, मंजीत , किरण, सुशीला, सोमारी, सीता, उस्तानी,रजनी , बीरमानिय, सोनिया,चिंता ने भाग लिया।