हिमाचल प्रदेश भवन सड़क एवं अन्य निर्माण मजदूर यूनियन (संबंधित सीटू) ब्लॉक यूनिट रामपुर ने राज्य सरकार द्वारा मनरेगा मज़दूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाले लाभ बंद करने व पंजीकरण से वंचित करने के विरोध में आज श्रमिक कल्याण अधिकारी रामपुर के बाहर प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए सीटू जिलाध्यक्ष कुलदीप सिंह, रणजीत ठाकुर, दिनेश मेहता ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मनरेगा मजदूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड की सदस्यता से वंचित कर मजदूरों को बोर्ड से मिलने वाले लाभों को रद्द करवा कर, मनरेगा मजदूर विरोधी काम किया है।
मजदूर नेताओं ने कहा वर्तमान कि केंद्र व प्रदेश सरकार लगातार मजदूरों के विरोधी नीतियां लागू कर रही है। केंद्र सरकार ने मनरेगा का बजट कम कर दिया है जिसके कारण मजदूरों को 100 दिन का काम नहीं मिल रहा है।
राज्य सरकार मनरेगा मजदूरों को ₹350 की न्यूनतम मजदूरी लागू नहीं कर रही है और उन्हें ₹212 ही दिए जा रहे हैं।
अब राज्य सरकार ने मनरेगा मजदूरों को राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड से मिलने वाली सहायता राशि भी बंद कर दी है। जिस कारण अब मजदूरों के बच्चों को मिलने वाली शिक्षण छात्रवृत्ति,विवाह, शादी, चिकित्सा प्रसूति, पेंशन इत्यादि की सहायता बंद हो जाएगी। इससे पहले वर्तमान भाजपा सरकार ने मजदूरों को मिलने वाली सहायता सामग्री जैसे वाशिंग मशीन, इंडक्शन, हीटर, सोलर लैंप, साइकिल, कंबल, डिनर सेट, टिफिन बॉक्स, वाटर फिल्टर इत्यादि बंद कर दिए हैं।
2017 मे सरकार ने मनरेगा मजदूरों का बोर्ड मे पंजीकरण के लिये 50 दिनो की बढ़ाकर 90 दिन कर दिया था और अब मनरेगा मनरेगा मजदूरों को बोर्ड से बाहर कर रही है। यूनियन ने मांग की है कि सरकार जल्द अपना फैसला बदले अन्यथा यूनियन आने वाले विधानसभा चुनावों में इसे मुद्दा बनाएगी और भाजपा को सत्ता से बाहर करने का काम करेगी।
इस धरने में साहिल, मनोज, मानसुख, राजपाल, ब्रिकम, अजय शर्मा, कंवर अश्टु, संजीव, आशा, मीरा , संतोष, राधा, सुभद्रा, पूनम आदि उपस्थित रहे।