मनरेगा मजदूरों ने मनाया ब्लैक-डे, आर्थिक सहायता रोकने वाली अधिसूचना रद्द करने की उठाई मांग
मनरेगा व निर्माण मज़दूरों ने उनके आर्थिक लाभ रोकने के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मंच ने मंगलवार को प्रदेशभर में ब्लैक डे मनाया। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि राज्य श्रमिक कल्याण बोर्ड द्वारा गत वर्ष सरकार बनने के एक दिन बाद ही 12 दिसंबर को जारी अधिसूचना के तहत मनरेगा मज़दूरों को श्रमिक कल्याण बोर्ड से बाहर कर दिया गया था। उसके बाद आठ फऱवरी को अन्य निर्माण मज़दूरों के पंजीकरण, नवीनीकरण और उन्हें मिलने वाली आर्थिक सहयता पर सेस की गैर कानूनी शर्त लगाकर उस पर भी रोक लगाकर बोर्ड के सारे आर्थिक लाभ रोक दिए गए थे।
इस तरह श्रमिक कल्याण बोर्ड के तहत पंजीकृत साढ़े चार लाख लोगों को मिलने वाली करोड़ों रुपए की आर्थिक सहायता रोक दी गई थी। इसके खि़लाफ़ प्रदेशभर में 12 दिसंबर 2022 की अधिसूचना की प्रतियां जलाकर विरोध प्रकट किया गया व ब्लैक डे मनाया गया। उन्होंने इस मज़दूर विरोधी अधिसूचना को जल्द रद्द करने की मांग की। सयुंक्त संघर्ष की अगली कड़ी के रूप में 23 दिसंबर को हर जिला में डीसी के माध्यम से मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री एवं बोर्ड के अध्यक्ष को ज्ञापन भेजे जाएंगे जिनमें सरकार को बोर्ड का रुका हुआ काम बहाल करने के लिए लिखित में अल्टीमेटम दिया जाएगा।