रामपुर बुशहर l जिला स्तरीय नोगली मेला आज धूम धाम से सम्पन्न हुआ l इस मेले में क्षेत्र के 5 देवी देवताओं सहित हजारों लोगो में भाग लिया l यह मेला गर्मी के बाद बरसात के मौसम के आने पर मनाया जाता हैl मान्यता हैकि मेले की समाप्ति के साथ बरसात शुरू हो जाती है l बरसात आगमन की ख़ुशी में देव वाद्य यंत्रों की धूनों में लोगो ने परम्परागत नाटियां लगाई जिस का दर्शकों ने भरपूर आनंद उठाया l करोना काल के दौरान यह मेला स्थगित रहा l 2वर्षो बाद हुए इस मेले में लोगो के चेहरों पर अच्छी रौनक व उत्साह दिखाई दिया l
। तीन दिनों तक देव वाद्य यंत्रो की धुनों में बरसात
आगमन की ख़ुशी में लोगों ने खूब नाच गान कर मेले का लुत्फ़ उठाया l मान्यता है कि नोगली के
समीप कुमसु गाँव के देवता प्रचंड गर्मी से लोगो को निजात दिलाने के
लिए क्षेत्र के दौरे पर निकलते हैं। जिसे ही आखरी गांव पहुंचते है
बरसात का आगाज शुरू होता है। इसी लिए ग्रामीण लोग नोगली पहुँच कर
खूब नाच गान करते हैं।
शिंगला देखता पुजारी ने बताया देव परंपरा के अनुसार नोगली का
मेला जब गर्मी का प्रकोप अधिक हो जाता है तो आस पास के इलाको के लोग अपने इष्ट देवताओ को ले कर पहुँचते है। मेले की समाप्ति के साथ
कुदरती बारिश भी शुरू हो जाती है l
कृष्ण गोपाल प्रधान जिला स्तरीय मेला कमेटी के प्रधान कृष्ण गोपाल ने बताया कि मेला मनाने का मकसद जैसे ही इलाके में सूखा पड़ता है ,और मान्यता है की सूखा और प्रचंड गर्मी पड़ने के कारण फसलों की बिजाई रुक जाती है। इसलिए pलोग अपने इष्ट ग्रामीण देवता को ले कर इलाके के भ्रमण पर निकालते हैँ । दौरा समाप्ति के साथ ही नोगली नामक स्थान में मेला लगता है।
मेले के बारे रीता वर्मा ने बताया कि आसपास के इलाकों से महिलाएं मेला में भाग लेने को अपनी परम्परागत लिवास में तो कुछ आधुनिक लिवास ने नजर आई l नोगली मेला बरसात आगमन का एक प्रतीक है, और इस खुशी में लोग अपने इष्टो की मौजूदगी में खूब नाच गान करते हैं। इसके बाद लोग गांव में जा कर खेतों में बिजाई का काम शुरू करेंगे।
फोटो : देवता नाचते हुए
लोग नाटी लगाते हुए