त्रिशूल सिक्युरिटी ग्रुप वर्कर्स यूनियन (संबधित सीटू)

त्रिशूल सिक्युरिटी ग्रुप वर्कर्स यूनियन (संबधित सीटू)
इकाई रामपुर के बैनर तले आज 8 अगस्त 2025 को श्रम कानूनों को लागू न करने व हिमाचल प्रदेश सरकार के न्यूनतम वेतन लागू न करने के विरोध में श्रम विभाग रामपुर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

इस प्रदर्शन को सम्बोधित करते हए सीटू शिमला जिला अध्यक्ष कुलदीप सिंह, निर्माण मजदूर यूनियन शिमला जिला के महासचिव दिनेश मेहता,त्रिशूल सेक्युरिटी ग्रुप वर्कर्स यूनियन के अध्यक्ष देविंदर व महासचिव टीटू खन्ना ने कहा कि एक तरफ हिमाचल प्रदेश की सुखु सरकार व्यवस्था परिवर्तन की बात जगह जगह पर करती है परंतु यदि मजदूरों की हालात को देखें तो व्यवस्था परिवर्तन के राज में भी प्रदेश सरकार के श्रम विभाग के होते हुए भी मजदूरों की खुली लूट हो रही है मजदूरों के श्रम कानून व देश के सविधान को होते हुए भी त्रिशूल सिक्योरिटी ग्रुप के माध्यम से नियोजित मज़दूरों की हालत बंधवा मजदूरों जैसी है इन मजदूरों को प्रबंधन के द्वारा को सुरक्षा नहीं दी गई है कार्यस्थलों पर मजदूरों को गुमटी न होने की बजह से खुले आसमान के नीचे अपनी नौकरी करनी पड़ रही मजदूरों की सुरक्षा को लेकर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं कराई गई है इन मजदूरों को मालिक त्रिशूल सिक्युरिटी ग्रुप द्वारा अपनी बात रखने पर नौकरी से निकाला जा रहा है। इन मजदूरों को हिमाचल प्रदेश सरकार के न्यूनतम वेतन का भुगतान भी नहीं किया जा रहा है मजदूरों को महीने का वेतन 8000 से 10000 रूपये के बीच में है। जो कि वर्ष 2022 से 2025 तक न्यूनतम वेतन से कम दिए गए वेतन का भुगतान किया गया है इन मजदूरों की हालत ये है कि त्रिशूल सिक्योरिटी ग्रुप के द्वारा इन मज़दूरों से दिन में 12 घंटे ड्यूटी ली जाती है , जो कि सामान्य कार्य दिवस के घंटों (8 घण्टे) की संख्या से अधिक परन्तु वेतन 8 घंटे का न्यूनतम वेतन भी नहीं मिल रहा है इन मजदूरों को साप्ताहिक अवकाश भी नहीं दिया जाता है। मजदूरों द्वारा प्रतिदिन 4 घंटे ओवरटाइम और साप्ताहिक अवकाश वाले दिन के लिए दैनिक वेतन व 12 घण्टे के ओवरटाइम का भुगतान वर्ष 2022 से मांग की है परंतु मजदूरों को कुछ नहीं दिया जा रहा है । इन मज़दूरों को वेतन भुगतान से पूर्व वेतन स्लिप भी नहीं दी जाती है इन मजदूरों को श्रम विभाग द्वारा सत्यापित आई कार्ड (एम्प्लॉयमेंट कार्ड) भी नही दिए गए हैं। कई मजदूरों का ई पी एफ वई एस आई नहीं काटा जा रहा है त्रिशूल सिक्योरिटी ग्रुप के माध्यम से नियोजित सभी मज़दूरों को बोनस भुगतान अधिनियम 1965 के प्रावधानों के तहत वित वर्ष 2022-23 और 2023-24 के लिए बोनस का भुगतान अभी तक नहीं किया गया है। इन मजदूरों को आकस्मिक, चिकित्सा और अर्जित अवकाश नहीं दिया जा रहा है इन मजदूरों का जीवन बिल्कुल गुलाम की तरह हो गया है यदि कोई मजदूर अपने अधिकारों की बात करता है उसे या तो ट्रांसफर या नौकरी से निकाल दिया जाता है। परंतु चिंता की बात ये है कि श्रम कानून को लागू करने को लेकर कई बार मजदूरों ने अपनी यूनियन के माध्यम से श्रम विभाग रामपुर के समक्ष लिखित व मौखिक रूप से शिकायत भी दी गई परन्तु श्रम विभाग के द्वारा उस पर कोई कारवाई नहीं की गई। इस प्रदर्शन के माध्यम से यूनियन ने श्रम विभाग को चेतावनी दी है कि यदि श्रम कानून लागू नहीं करवाये गए या त्रिशूल सेक्युरिटी ग्रुप के ऊपर श्रम कानूनों की उल्नघना को लेकर कार्यवाही नहीं की गई तो यूनियन को मजबूर उग्र आंदोलन करने को मजबूर होना पड़ेगा। इस प्रदर्शन में मिलाप नेगी, राजपाल, जगदीश, दीप कुमार, बबलू राणा, सुंदर सिंह,भगवान दास, हरि सिंह, राजू, दयाल, भीम, सुनामोनी, अनूप, राजकुमार, संजीव, ददन यादव, नील चंद ,संदीप भंडारी, चंद्रपाल, मनी राम उपस्थित रहे।

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