रामपुर बुशहर l
हिमाचलयों का सेव आर्थिकि का प्रमुख जरिया है, जो लोगो कि आर्थिक ही नहीं सामाजिक और संस्कृत तौर पर जुड़े हुए हैं l सेब का व्यवसाय हिमाचल में एक परंपरा की तरह है l
यहां पर एसडीएम को उनकी गैरमौजूदगी मै तहसीलदार के द्वारा दिए ज्ञापन मै आप पार्टी रामपुर ने कहा कि जयराम सरकार ने एमआईएस के द्वारा मात्र ₹1 बढ़ाकर हिमाचल के बागवानों के साथ भद्दा मजाक किया है l यह निर्णय राजनीतिक झुनझुने की तरह है l इससे साबित होता है कि जयराम सरकार बागवानों के लिए बिल्कुल भी संवेदनशील नहीं है l जबकि कार्टन व अन्य सामग्री के बेतहाशा कीमतों के बढ़ जाने से बागवानों के लिए गंभीर संकट पैदा हो गया है l
ज्ञापन मै कहा गया कि हिमाचल में सेब की बागवानी का कारोबार लगभग पांच हजार करोड़ से अधिक का है l मुख्य तौर पर ऊपरी हिमाचल के लाखों लोगों को इससे रोजगार मिलता है, साथ ही हिमाचल का बहुत बड़ा पर्यटन उद्योग से इस से जुड़ा हुआ है l
जयराम सरकार पिछले चार-पांच सालों से सेब के बागानों के बारे में गंभीरता नहीं देखती l चाहे वह समर्थन मूल्य देने की बात हो, सब्सिडी देने की और चाहे मंडी संबंधित व्यवस्था को ठीक करना हो, इन सभी मुद्दों पर हिमाचल के सेब बागानों के किसानों की स्थिति दिन-पर-दिन खराब होती जा रही है l
सेब की कीमत में तो बढ़ोतरी नहीं हुई लेकिन उसके पैकिंग मैटेरियल और अन्य दवाओं की कीमत लगातार बढ़ रही है l जिससे मुनाफे में भारी कमी आई है l
आम आदमी पार्टी हिमाचल आपका ध्यान सेब बागानों के किसानों की समस्याओं की ओर आकर्षित करना चाहती है l
वर्तमान सरकार इनके मुद्दों के लिए गंभीरता नहीं दिखाती, हालात इतने खराब हो गए है कि सेब के किसानों को विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है l इसके बावजूद भी जयराम सरकार अभी तक कोई फैसला नहीं ले पाई है l
यह काफी दुख और पीड़ा की बात है कि पूरे राज्य की आर्थिकी को मैनेज करने वाले सेब के किसान आज सरकार से गुहार लगा रहे हैं और सरकार चुनाव प्रचार में व्यस्त है l आम आदमी पार्टी पूरे समर्पण के साथ सेब के किसानों के हित में मजबूती से खड़ी रहेगी l