करसोग की प्रगतिशील ग्राम पंचायतनाहवीधार बाग में धूमधाम से मनाया जायेगा गणतंत्र दिवस

करसोग की प्रगतिशील ग्राम पंचायत
नाहवीधार बाग में धूमधाम से मनाया जायेगा गणतंत्र दिवस
शिक्षाविद् एव्ं समाजसेवी डॉ. मुकेश शर्मा बतौर मुख्यातिथि फहराएँगे तिरंगा
आनी:- करसोग विकास खंड की दुर्गम प्रगतिशील पंचायत नाहवीधार बाग में रविवार को 76 वां गणतंत्र दिवस बड़ी धूमधाम से मनाया जायेगा। जिसमें 5 महिला मंडलों की रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुति के अलावा स्थानीय स्कूली बच्चों द्वारा नाटी ,एकांकी ,नाटक समूह गान ,भाषण आदि कार्यक्रम प्रस्तुत किए जायेंगे और अंत में लोक संस्कृति से ओत प्रोत विशाल नाटी का आयोजन भी किया जाएगा।
समारोह में प्रदेश के महान शिक्षाविद समाजसेवी गोल्ड मेडलिस्ट डॉ. मुकेश शर्मा बतौर मुख्यातिथि के रूप में तिरंगा फहरायेंगे। पंचायत के कर्मठ जुझारू एव्ं उर्जावान उप प्रधान मोहन ठाकुर ने बताया कि उनकी पंचायत थोड़े समय में ही विकास की ओर अग्रसर है और पंचायत क्षेत्र लोगों को मनरेगा के साथ साथ अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों और योजनाओं का लाभ भी प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि उनकी पंचायत का यह सौभाग्य है कि हिमाचल प्रदेश के, 76 वें गणतंत्र दिवस पर पंचायत में होने बाले समारोह में इस वर्ष एक ऐसे महान व्यक्तित्व मुख्यातिथि हैं, जिन्होंने शिक्षा क्षेत्र के अलावा समाज सेवा में कई नये आयाम स्थापित किए हैं और प्रदेश से राष्ट्र और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराया है। उप प्रधान मोहन ठाकुर ने बताया कि विकास खण्ड आनी के अंतर्गत गाँव रिवाड़ी में 4 जून 1972 को विद्वान पुरोहित पंडित मस्तराम शर्मा व गृहणी श्रीमती कलावती शर्मा के घर जन्में
शिक्षाविद् डॉ. मुकेश शर्मा ने अपनी कड़ी मेहनत और सच्ची लगन से शिक्षा व सामाजिक क्षेत्र में कई बुलंदियां हासिल की हैं। उन्होंने अपनी प्रारम्भिक व दसवीं तक की शिक्षा दलाश स्कूल से प्राप्त की और उसके उपरांत इन्होंने आगे की शिक्षा राजकीय डिग्री कॉलेज रामपुर बुशेहर् , तदोपरांत बीएड व एमएड की शिक्षा गोहाटी विश्विद्यालय और स्नातकोतर की शिक्षा प्रदेश विश्व विद्यालय व इग्नो से पूर्ण की। डॉ. मुकेश शर्मा ने अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई अवरोधों के बावजूद भी जीवन में कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, बल्कि शिक्षा क्षेत्र में अपनी कडी मेहनत व सच्ची लगन को निरन्तर बनाए रखा और इसी के फलस्वरूप उन्हें डॉक्टरेट के दीक्षांत समारोह में शिक्षा क्षेत्र की सबसे बड़ी पीएचडी की उपाधि से अलंकृत किया गया,और शिक्षा क्षेत्र में प्रवीणता व पीएचडी में सराहनीय कार्य के लिए विश्वविद्यालय द्वारा स्वर्ण पदक से भी नबाजा गया। जो आनी क्षेत्र सहित समूचे हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव की बात है।वे वर्तमान में ह्यूमन वेलफेयर सोसायटी के संस्थापक अध्यक्ष हैं और डॉ, सर्वपल्ली राधाकृष्णन बीएड,एमएड शिक्षण संस्थान नोगली रामपुर और वेटनरी प्रशिक्षण संस्थान रिवाडी (दलाश) के चेयरमैन हैं। डॉ, मुकेश शर्मा की बुलंदियों का यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं हो जाता। शिक्षा क्षेत्र में उत्कृष्ट उपलब्धि के लिए राष्ट्रीय मीडिया द्वारा जहाँ उन्हें बेस्ट एजुकेशन लीडर के अवार्ड से नवाजा गया, वहीं समूचे भारतवर्ष में शिक्षा व सामाजिक क्षेत्र में सराहनीय व उत्कृष्ट सेवाओं के लिए ग्लोवल एचीवर फाउंडेशन नई दिल्ली द्वारा किए गए ग्लोवल सर्वे में भारतवर्ष की ग्लोबल अचीवर विभूतियों में से डॉ, मुकेश को भी “भारत गौरव अवार्ड 2020″ के लिए चयनित किया गया है। यह अवार्ड उन्हें थाईलैंड के बैंकॉक में आयोजित अंतरराष्ट्रीय इंडो- थाई फ्रेंडशिप शिखर सम्मेलन 2020 में प्रदान किया गया। इस सम्मेलन में विभिन्न देशों के मंत्री,एम्बेसडर, हाई कमिशनर, उत्कृष्ठ व्यवसायी तथा विभिन्न प्रदेशों के प्रतिनिधियोँ के अलावा विभिन्न देशों की संम्मानित विभूतियाँ ने भाग लिया। हिमाचल प्रदेश से डॉ. मुकेश शर्मा को स्वर्ण पदक सहित ” भारत गौरव अवार्ड ” मिलना प्रदेश व देश के लिए गौरव की बात है। इतना ही नहीं बहुआयामी प्रतिभा के धनी डॉ. मुकेश शर्मा को साहित्यिक लेखन के लिए वर्ष, 2009-2010 में पंजाब सरकार द्वारा पंकस अवार्ड से भी नवाजा गया।
इन्होंने छात्रों की पढाई और उनके कैरियर से सम्बन्धित चार पुस्तकें भी प्रकाशित की हैं, जिनमें मनोबिज्ञान से सम्बन्धित पुस्तक “childhood and development years ” और लर्निंग एंड टीचिंग नामक पुस्तकें प्रमुख हैं, जिन्हें उन्होंने बर्ष 2023-2024 में प्रकाशित किया है। वहीं डॉ. मुकेश शर्मा ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 12 शोधपत्र भी प्रस्तुत किए हैं।
डॉ. मुकेश ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने विद्वान पिता पं. मस्तराम शर्मा व कुशल गृहणी माता श्रीमति कलावती शर्मा, अपने बड़े भाई सुनंदन शर्मा तथा अपने गुरुजनों को दिया हैं। डॉ. मुकेश शर्मा दर्शन शास्त्र मनोबिज्ञान तथा पत्रकारिता में स्नातकोत्तर हैं और दो वर्ष पूर्व उन्हें स्वर्ण पदक के साथ पीएचडी की श्रेष्ठ उपाधि से भी नवाजा गया है। वे पिछले कई वर्षों से युवाओं को बेहतर ढांचागत शिक्षा प्रदान करने में प्रयासरत हैं। वहीं सेवा भारती में शिक्षा संकाय ब आपदा प्रमुख के दायित्व का बखूबी निर्वहन करते हुए, होनहार गरीब बच्चों के उत्थान व समाजसेवा के लिए भी पूरी तरह से समर्पित हैं । समाज व प्रदेश को ऐसे प्रतिभाशाली बहुआयामी व्यक्तित्व पर नाज है।

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