हर 15 दिन बाद नंबरदार देंगे नशे की गतिविधियों की थाने में सूचना – अनुपम कश्यप
- आपदा की सूचना तुरंत देना सुनिश्चित करेंगे नंबरदार
- उपायुक्त की अध्यक्षता में नंबरदारों के कार्यों की समीक्षा बैठक
जिला में कार्यरत नंबरदारों के कार्यों की समीक्षा उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आयोजित की गई।
उपायुक्त ने इस दौरान जानकारी देते हुए बताया कि सभी नंबरदारों को निर्देश दिए गए है कि हर 15 दिनों में अपने अपने अधिकार क्षेत्र में नशे की गतिविधियों के बारे में सबंधित थाने में सूचना देना अनिवार्य कर दिया गया है। पुलिस नंबरदारों की सूचना के आधार पर तुरंत कारवाई करेगी। जिला शिमला को नशा मुक्त बनाने के लिए प्रशासन कार्य कर रहा है।
उन्होंने कहा कि इसके अलावा राजस्व से जुड़े मामलों के बारे में तीव्रता लाने के लिए प्रशासन प्रयासरत है। इसके साथ ही आपदा के बारे में तुरंत सूचना आला राजस्व अधिकारियों को देनी होगी। वहीं साथ ही में रेस्क्यू कार्यों में समन्वय भी स्थापित करेंगे।
बैठक में उपायुक्त ने कहा कि भूमि स्वामित्व की सार्थकता को मजबूत करने में नंबरदारों की भूमिका अग्रणी है। भूमि से संबधित कार्यो में लेट लतीफी नहीं होनी चाहिए । उन्होंने कहा कि मामला एकत्रित करने के लिए नंबरदारों को प्रभावी तरीके से कार्य करना होगा। प्रदेश सरकार की प्राथमिकता लंबित राजस्व मामलों के शीघ्र निपटारा करने में है। इसी कड़ी में नंबरदारों के सहयोग से सरकार के आदेशों को अमलीजामा पहनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिला में 405 नंबरदार अपनीे बेहतरीन सेवाएं दे रहे है। प्रशासन का प्रयास है कि नवाचार का सहारा लेते हुए नंबरदारों की कार्यप्रणाली की ओर सुदृढ़ किया जाए।
निर्देश दिए गए कि नंबरदार निर्धारित तारीख तक सभी मामला एकत्रित कर कार्य पूरे करने होंगे।
इसके अलावा सामान्य भूमि का किराया और अन्य आय एकत्र करना, और उसका हिसाब उसके हकदार व्यक्तियों को देने का कार्य भी नंबरदारों के माध्यम से किया जाता है। नंबरदार भूस्वामियों और किरायेदारों की पुस्तकों में उसके द्वारा प्राप्त की किए गए प्रत्येक भुगतान को स्वीकार करने का दायित्व भी है । नंबरदार अपने अधिकार क्षेत्र संपत्ति में रहने वाले भू-राजस्व के किसी भी समनुदेशित व्यक्ति या सरकारी पेंशनभोगी की मृत्यु, या पारिवारिक पेंशन पाने वाली और संपत्ति में रहने वाली महिला की शादी या पुनर्विवाह, या ऐसे किसी व्यक्ति की अनुपस्थिति एक वर्ष से अधिक की रिपोर्ट तहसीलदार को करनी होगी। नंबरदार सड़कों (ग्रामीण सड़कों सहित) या सरकारी बंजर भूमि पर सभी अतिक्रमणों और संपत्ति की सीमाओं के भीतर स्थित नजूल संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या उसके विनियोग के बारे में तहसीलदार को रिपोर्ट करना अनिवार्य है। नंबरदार अपने प्रभार में सौंपी गई सरकारी इमारतों को हुई किसी भी क्षति की रिपोर्ट करेगा।
उपायुक्त द्वारा समय-समय पर संपत्ति की सीमाओं के भीतर किए जाने वाले सभी फसल निरीक्षणों, उत्परिवर्तनों की रिकॉर्डिंग, सर्वेक्षणों, अधिकार के रिकॉर्ड तैयार करने या अन्य राजस्व व्यवसाय को निर्देशित करने के तरीके से सहायता करने का दायित्व भी है। नंबरदार संपत्ति में अधिकार क्षेत्र वाले सभी अधिकारियों के सम्मन में भाग लेना, सरकार के सभी अधिकारियों को उनके सार्वजनिक कर्तव्यों के निष्पादन में सहायता करना, अपनी सर्वोत्तम क्षमता के अनुसार, किसी भी स्थानीय जानकारी की आपूर्ति, जिसकी उन अधिकारियों को आवश्यकता हो सकती है और आम तौर पर संपत्ति के भूस्वामियों, किरायेदारों और निवासियों या संपत्ति के उप-विभाजन के लिए कार्य करना, जिसमें वह सरकार के साथ अपने संबंधों में कार्यालय रखता है। नंबरदार पशुओं में किसी भी बीमारी के फैलने की सूचना पटवारी को देना और अपनी संपत्ति के अधिकार धारकों की मृत्यु की सूचना भी देते है।
इस बैठक में अतिरिक्त उपायुक्त अभिषेक वर्मा, अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी प्रोटोकाॅल ज्योति राणा, उप मण्डलाधिकारी ग्रामीण कविता ठाकुर, जिला राजस्व अधिकारी संजीत शर्मा सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।