वैश्विक स्तर पर कुष्ठ रोग को लेकर लोगों में जागरूकता बढ़ाने, रोगियों को इलाज के लिए प्रेरित करने और कुष्ठ रोग को लेकर फैली सामाजिक कुरीतियों की भावना को दूर करने के उद्देश्य से हर साल जनवरी महीने के आखिरी रविवार को विश्व कुष्ठ रोग दिवस मनाया जाता है।
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी ३० जनवरी २०२४ को महात्मा गाँधी की पुण्य तिथि पर हर वर्ष की तरह कुष्ठ रोग निवारण दिवस मनाया गया । इस उपलक्ष पर ADC शिमला अभिषेक वर्मा एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी शिमला डॉ युगवीर सिंह की उपस्थिति में कुष्ठ रोग के प्रति भेदभाव समाप्त करने के लिए सभी अधिकारी और कर्मचारियों को बचत भवन के सभागार में शपथ दिलाई गयी। कुष्ठ रोग माइकोबैक्टीरियम लेप्री जीवाणु के कारण होने वाली बीमारी है, इसका पाप, ईश्वर के दंड या धर्म से कोई संबंध नहीं है। कुष्ठ रोग एक दीर्घकालिक संक्रमण है जो मांसपेशियों में कमजोरी, त्वचा पर घाव, हाथ, पैर, टांगों और हाथों में सुन्नता की भावना जैसे लक्षणों का कारण बनता है। कुष्ठ रोग पैदा करने वाले बैक्टीरिया बहुत धीरे-धीरे बढ़ते हैं इसलिए संक्रमण के लक्षण दिखने में कई वर्ष लग सकते हैं। यह जानकारी डॉ युगवीर सिंह द्वारा केंद्रीय विद्यालय जाखू हिल्स शिमला में ३०० विद्यार्थियों को एवं अध्यापकों को दी गयी इस मौके पर प्रधानचार्य तथा स्वास्थय एवं परिवार कल्याण विभाग जिला शिमला के कर्मचारी भी उपस्थित रहे।
मुख्या चिकत्सा अधिकारी जिला शिमला डॉ सुरेख चोपड़ा ने आगे यह जानकारी देते हुए बताया की यह पखवाड़ा सपर्श कुष्ठ रोग जागरूकता अभियान के तहत 3० जनवरी 2024 से 14 फरवरी 2024 तक जिला के सभी खंड स्तर पर मनाया जाएगा जिसमें गांधी जी के दर्शाय मार्ग के तहत कुष्ठ रोगियों के प्रति दया और स्नेह का भाव रखते हुए रोगियों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए सफल प्रयास किया जाएगा।