अम्बेदकर बुद्धिजीवी मंच रामपुर इकाई की हुई प्रेस वार्ता – प्रेम सिंह धरेक
रामपुर बुशहर। जिला शिमला के उपमंडल रामपुर बुशहर में बुधवार को अंबेडकर बुद्धिजीवी मंच रामपुर इकाई की होटल लिटल सैफ चूहाबाग में प्रेस वार्ता हुई। प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए अध्यक्ष प्रेम सिंह दरेक ने कहा कि पिछली दो प्रेस वार्ता में कौल नेगी के पक्ष में नामी गिरामी वकील व भाजपा कार्यकर्ता सामने आए और बड़ी सफाई से जनता के सामने झूठ परोसा। कहते हुए कहा कि कौल नेगी निचार के स्थाई निवासी है रामपुर के नहीं है। यह बात उन्होंने स्वीकार कर ली है। यह बात कही जा रही है कि एससी /एसटी के 1976 के कानून को 2003 में संशोधित करके किन्नौर के एससी को दोहरा दर्जा दिया गया। अब 2003 जिसका जिक्र वे लोग बड़े जोर -शोर से कर रहे हैं।को क्या हुआ। 4 नवंबर 2003 को हिमाचल प्रदेश सरकार के कुछ सचिवों की बैठक होती है। उसकी कार्यवाही 24 नवंबर 2003 को प्रसारित की जाती है। उन्होंने कहा कि यह मामला कैबिनेट में गया ही नहीं। इसलिए इसकी नोटिफिकेशन हुई ही नहीं।
संविधान के अनुच्छेद 341 में केवल भारत के राष्ट्रपति ही किसी जाति को अनुसूचित जाति नोटिफाई कर सकते हैं। अनुच्छेद 342 के अनुसार राष्ट्रपति ही किसी जनजाति को अनुसूचित जनजाति घोषित कर सकते हैं। अनुच्छेद 341 व 342 में कहीं भी या मंशा नहीं है कि किसी जाति या जनजाति को दोहरा दर्जा दिया जाए। हिमाचल प्रदेश सरकार को इस विषय पर ना तो कानून बनाने का अधिकार है ना ही ऐसी हिदायतें देने का जो अनुच्छेद 341 व 342 की सीमा से बाहर है। इसलिए भारत सरकार का 1976 का कानून हिमाचल प्रदेश की सचिवों की बैठक की कार्यवाही के जरिए संशोधित नहीं हो सकता।यह गैर संवैधानिक है।
राष्ट्रपति के 1975 के आदेश से किन्नौर जिले के मूल निवासी जनजातीय बने,ऐसा नहीं हुआ कि बाकी सब जातियां जनजाति बनी व अनुसूचित जाति वैसी रही। इसी आदेश के अनुपालन में किन्नौर के मूल निवासियों को अ. ज. जा. के प्रमाण पत्र मिल रहे हैं।इसमें तथा कथित अनुसूचित जाति भी शामिल हैं।उन्होंने कहा कि एसडीएम रामपुर ने आपत्तियां खारिज की। तहसीलदार रामपुर कौल नेगी का बचाव कर रहे हैं। इन बातों पर बड़ी उछल कूद हो रही है।कहा जा रहा है कि उनके हक में अंतिम फैसला हो गया है। एसडीएम व तहसीलदार ने न्याय व सच थोड़ी देर के लिए टाल दिया है। खत्म नहीं किया है। हम न्याय व सच्चाई के लिए आखरी दम तक लड़ेंगे।उच्च न्यायालय ने जिला प्रशासन को अपनी गलती सुधारने का एक मौका दिया था,लेकिन जयराम के इशारे पर शिमला जिला का पूरा प्रशासनिक अमला झूठ को सच साबित करने में जुटा हुआ है।फैसले पहले लिए जाते हैं और सुनवाई बाद में होती है। जय राम के सशक्त चहेते प्रत्याशी के पास दो-दो प्रमाण पत्र हैं। एक जेब में एसटी का व दूसरा जेब में एससी का। एक तरफ किन्नौर के एसटी हैं, तो दूसरी तरफ रामपुर के एससी है। इनकी एक जाति किन्नौरा है, तो दूसरी जाति कोली है। वे दो जगह के स्थाई निवासी हैं। उन्होंने कहा कि एसटी दर्जे पर एम .ए . /बी .एड में दाखिला लिया व एससी के एसटी के सीट पर चुनाव लड़ रहे हैं। तहसीलदार रामपुर को कौल नेगी का एससी का सर्टिफिकेट बनाने की कोई पावर नहीं है।कौल नेगी ने एससी प्रमाण पत्र के लिए तहसीलदार रामपुर को प्रार्थना पत्र दिया। उस पर दो जगह से रिपोर्ट बनाई गई। रामपुर मुहाल से कि उक्त कौल सिंह रामपुर के निवासी हैं। मुहाल निगुलसरी /तहसील विचार से। हाथ से नजरी शजरा नसब बनाया और जात कोली लिख दी। असल शजरा नसब में जात किन्नौरा है। उन्होंने यह भी लिखा कि एसडीएम विचार ने 2004 में एससी का प्रमाण पत्र दे रखा है, परंतु उसकी प्रति जमा नहीं की, क्योंकि ऐसा कोई प्रमाण पत्र है ही नहीं। इसी को आधार मानकर तहसीलदार रामपुर गलती पर गलती कर रहे हैं, क्योंकि कौल नेगी एसटी है व एसडीएम विचार ने 2002 में उन्हें एसटी का प्रमाण पत्र दे रखा है। एससी का प्रमाण पत्र किसी भी सूरत में नहीं बनना था।उन्होंने कहा कि रामपुर से दिया गया प्रमाण पत्र गैर कानूनी व अमान्य है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि जयराम की पार्टी ने योजनाबद्ध तरीके से अ.ज. जा.के व्यक्ति को रामपुर से प्रत्याशी उतारा है और यह योजना यहीं पर रुकने वाली नहीं है। अगली बार रोहडू, आनी विधानसभा से भी एसटी का उम्मीदवार उतरेगा और 2024 के चुनाव में शिमला संसदीय सीट से भी ऐसा ही व्यक्ति जयराम उतारेंगे। संविधान के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है व एक वर्ग को अपमानित व दंडित किया जा रहा है इस अपमान का जवाब रामपुर व हिमाचल की जनता 12 नवंबर को दे देगी।इसके साथ-साथ हम कानूनी हक की लड़ाई भी लड़ रहे हैं। इसमें अम्बेदकर बुद्धिजीवी मंच हिमाचल प्रदेश अध्यक्ष प्रेम सिंह दरेक, रामपुर के अध्यक्ष दीवान मिंडन, ननखडी के अध्यक्ष चेश्वर प्रसाद, रामपुर के महामंत्री कैलाश जोगी और आजाद उम्मीदवार प्रीतम देव व अन्य मौजूद रहे।
