आज दिनांक 12 मई 2022 को नगरपरिषद रामपुर ठेका मजदूर यूनियन सम्बंधित सीटू ने न्यूनतम वेतन लागू करने,अप्रैल माह का वेतन व श्रम कानूनों को लागू करने की मांग को लेकर आज नगरपरिषद कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया।
इस प्रदर्शन को सम्बोधित करते हुए सीटू जिला कमेटी सदस्य अमित, यूनियन अध्यक्ष देवेंद्र व ललिता,मंजू ने कहा कि रामपुर नगरपरिषद के प्रबंधन , ठेकेदार व श्रम विभाग की मिलीभगत से नगरपरिषद के अंदर कार्य कर रहे मजदूरों पर श्रम कानूनों को लागू न करके मजदूरों का खुला शोषण किया जा रहा है मजदूरों को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा निर्धारित 1 अप्रैल 2021 से न्यूनतम वेतन 300 रुपये अभी तक लागू नहीं किया जा रहा है नगरपरिषद के अंदर कार्य कर रहे सभी ठेका मजदूरों को पिछले लंबे समय से समय पर वेतन नहीं मिल रहा है और 1 मजदूर को तो पिछले 5 महीने का वेतन साजिश के तहत नही दिया जा रहा है जिसके विषय में बार बार लिखित व मौखिक रुप से नगरपरिषद प्रबंधन, ठेकेदार व श्रम विभाग को इस विषय में अवगत करवाया। जिसके कारण इन ठेका मजदूरों को इस महँगाई के दौर में कई प्रकार की आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
रामपुर नगरपरिषद के अंदर काम कर रहे ठेका मजदूरों पर किसी भी श्रम कानूनों को लागू नहीं किया जा रहा है और न ही मजदूरों की सेफ्टी का कोई ख्याल रखा जा रहा है मजदूरों को सेफ्टी के नाम पर ग्लव्स, मास्क कुछ नहीं दिया जा रहा है और न ही श्रम कानून के अनुसार हर माह की 7 तारिख से से पहले वेतन मिलना चाहिए जो नहीं मिल रहा है अभी भी 1 मजदूर को जानबूझकर पिछले 5 महीने का वेतन और बाकी मजदूरों को 2 महिने से वेतन नहीं दिया गया। वेतन की मांग करने पर नोकरी से निकालने की धमकी ठेकेदार व नगरपरिषद के प्रबंधन के द्वारा दिया जा रहा है। नगर परिषद के अंदर काम कर रहे मजदूरों को न तो श्रम अधिकारी द्वारा सत्यापित कोई आई कार्ड, वेतन स्लिप, रविवार की छुटटी के अलावा अन्य कोई छुटटी तक नहीं दी जा रही है, epf का कोई रिकॉर्ड तक नहीं रखा गया है और esi को लागू नहीं किया गया है साथ ही हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 1 अप्रेल 2021से निर्धारित किये गए न्यूनतम वेतन जो प्रतिदिन 300 रुपये निर्धारित किया गया है को अभी तक लागू नहीं किया गया है। मजदूरों की खुली लूट की जा रही है जिसे यूनियन बर्दाश्त नहीं करेगी। यहाँ तक कि मजदूरों का ठेकेदार व नगरपरिषद प्रबंधन के द्वारा 2018 से 2022 तक के epf का कोई रिकॉर्ड तक मजदूरों को नहीं दिया गया है और कई मजदूरों का तो epf तो मजदूरों से काटा गया है पर उसे जमा नहीं किया गया है नगरपरिषद के अंदर सफाई मजदूरों की खुली लूट नगरपरिषद प्रबंधन व ठेकेदारों की मिलीभगत से की जा रही है।
आज महँगाई लगातार बढ़ रही है खाने की मूलभूत बस्तुओं के दाम तेल, दाल, आटा, चावल, सब्जियों के दाम, प्याज व टमाटर , कमरे का किराया, बिजली , बस किराया व रसोई गैस की कीमतों में जिस हिसाब से बढ़ोतरी हो रही है ऐसी स्थिति में अप्रैल महीने से वेतन न मिलना मजदूरों को कई प्रकार की आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है वैसे भी इस महँगाई के दौर में मजदूरों का न्यूनतम वेतन बहुत कम है गरीब मजदूरों को समय से वेतन न मिले ऐसे में परिवार का पालन पोषण करना कितना मुश्किल होता है ऐसे स्थिति में मजदूरों को अपने अधिकारों के लिए आज सड़क पर आने के अलावा कोई विकल्प नहीं रह जाता है। इस धरने के माध्यम से वक्ताओं ने कहा कि यदि 1 मजदूर को 5 महीने का वेतन व बाकी मजदूरों को अप्रैल माह का वेतन व 1 साल में न्यूनतम वेतन से कम दिए वेतन का एरियर का भुगतान नहीं किया तो यूनियन आंदोलन को तेज करेगी और कूड़े उठाने का काम भी बंद किया जाएगा।
इस धरने में अनूप, मोती राम,राजू राणा, नीलम, मनिता, तारामणि ,रजनी, मंजीत, किरण, सुशीला, सोमारी, सीता, उस्तानी,रजनी , बीरमानिय, सोनिया,चिंता ने भाग लिया।