रामपुर बुशहर दा सु प्रभात ब्यूरो
रामपुर बुशहर। शनिवार को नगर परिषद रामपुर बुशहर के कांग्रेस पार्षदों द्वारा भाजपा के पार्षदों सहित 5 पार्षदों ने अध्यक्ष और उप प्रधान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव डीसी को दिया है। जिसमें पार्षदों ने पत्र के माध्यम से वर्तमान परिषद पर कार्यों में पूरी तरह विफल रहने का आरोप भी लगाया है।
बताते चलें कि नगर परिषद रामपुर बुशहर में 9 में से 7 पार्षद कांग्रेस के हैं। जिसमें सहमति न बनने की स्थिति में प्रीति को अढ़ाई साल के लिए प्रधान बनाया था, परंतु अढ़ाई साल बीत जाने के बाद भी मुस्कान को अब तक प्रधान नहीं बनाया गया। उसी के तहत अविश्वास प्रस्ताव सौंपा गया है । उन्होंने आरोप लगाया है कि अढ़ाई साल में कोई भी ऐसा कार्य नहीं हुआ जिसका श्रेय ले सके।इस दौरान उल्टा उपलब्धि रही कि इंक्रोचमेंट के मामले में कुछ पार्षद बाहर हो गए थे, जिसकी अपील कोर्ट में करने के बाद मामला अभी विचाराधीन है।
वहीं छः बार मुख्यमंत्री रहे स्व: राजा वीरभद्र सिंह के नाम पर राजनीति होती रही। गौर हो कि दो वर्ष पूर्व उनके निधन के तुरंत बाद इसी हाउस ने रामपुर बुशहर में वीरभद्र सिंह की प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव पारित किया, लेकिन जिनकी छत्रछाया में राजनीति होती रही 2 साल बाद भी उनकी प्रतिमा रामपुर बुशहर में ही नहीं लग पाई।अब कांग्रेस ही काग्रेस के खिलाफ खड़ी हो गई है। जबकि प्रदेश में सत्ता में भी कांग्रेस ही है।अव यह देखना है कि आखरी निर्णय क्या होगा।